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Disk Operating System (DOS) Hindi Notes

Disk Operating System (DOS) | An Introduction

 डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (डॉस) का परिचय
Introduction to Disk Operating System (DOS)

DOS Commands Hindi Notes

कम्प्यूटर से कोई काम कराने के लिए हमें पूरे और सही आदेश देने पड़ते हैं । ये आदेश किसी ऐसी भाषा में होने चाहिए जिसे कम्प्यूटर समझ सके। कम्प्यूटर वास्तव में केवल ऑपरेटिंग सिस्टम की भाषा समझता है। ऑपरेटिंग सिस्टम ही कम्प्यूटर का सुपरवाइजर या मैनेजर है। इसलिए हम अपने आदेश अपनी भाषा में कम शब्दों में ऑपरेटिंग सिस्टम को देते हैं, जिनको वह कम्प्यूटर की भाषा में बदलकर उसे भेज देता है। यदि हमारे और कम्प्यूटर के बीच में ऑपरेटिंग सिस्टम न हो तो हम कम्प्यूटर से कोई काम नहीं करा सकेगें ।

डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (डॉस) | Disk Operating System (DOS)


डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) सबसे पहले IBM कंपनी द्वारा पर्सनल कंप्यूटर्स के लिए प्रयुक्त पहला ऑपरेटिंग सिस्टम था। यह मूल रूप से दो संस्करणों में उपलब्ध था जो एक समान थे, लेकिन दो अलग-अलग नामों के तहत उपलब्ध कराए गए था। PC-DOS आईबीएम द्वारा विकसित संस्करण था एवं MS-DOS, माइक्रोसॉफ्ट द्वारा उपलब्ध कराया गया था। कम्प्यूटर अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के नियंत्रण में ही काम करता है। डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) एक कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम है जो डिस्क स्टोरेज डिवाइस जैसे कि फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क ड्राइव का उपयोग कर सकता है। डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर सिस्टम में फाइल स्टोरेज एवं फाइल मेनेजमेंट, कम्प्यूटर सिस्टम एवं हार्डवेयर डिवाइस को कंट्रोल करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
आई.बी.एम. के पर्सनल कम्प्यूटरों के लिए जो ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया उसे पर्सनल कम्प्यूटर-डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम या पीसी- डॉस (PC-DOS) कहा गया। बाद में माइक्रोसॉफ्ट उसका नाम माइक्रोसॉफ्ट-डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम या एमएस-डॉस (MS-DOS) रखा।

डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) का महत्त्व | Importance of Disk Operating System (DOS)


डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) कमांड लाइन इंटरफ़ेस (CLI) का उपयोग करता है, जो उपयोगकर्ता (Users) को कमांड टाइप करने की अनुमति देता है। copy और cd (चेंज डायरेक्टरी) जैसे सरल निर्देशों को टाइप करके उपयोगकर्ता हार्ड ड्राइव पर फाइलें ब्राउज़ कर सकते हैं, फाइलें खोल सकते हैं और प्रोग्राम चला सकते हैं। डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) की कमांड्स टाइप करने के लिए आसान एवं सरल हैं। लेकिन इस ऑपरेटिंग सिस्टम की कमांड्स को नए सीखने वालों के लिए उपयोग करना मुश्किल होता है, इसी वजह से बाद में माइक्रोसॉफ्ट ने ग्राफिक आधारित विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) जोड़ दिया।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) का उपयोग किसी सिस्टम या कंप्यूटर को संचालित करने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर प्रोग्राम का एक सेट है जिसके मुख्य कार्य डिस्क फ़ाइलों को मैनेज करना, आवश्यकता के अनुसार सिस्टम संसाधनों को आवंटित करना है। डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) कीबोर्ड, स्क्रीन, डिस्क डिवाइस, प्रिंटर, मोडेम और प्रोग्राम जैसे हार्डवेयर उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करता है।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) वह माध्यम है जिसके माध्यम से सिस्टम से जुड़े उपयोगकर्ता और बाहरी उपकरण कंप्यूटर सिस्टम के साथ संवाद (Communication) करते हैं। DOS कंप्यूटर द्वारा समझे जाने वाले लैंग्वेज में उपयोगकर्ता द्वारा जारी किए गए आदेश का अनुवाद करता है और कंप्यूटर को उसी के अनुसार काम करने का निर्देश देता है। यह उपयोगकर्ता को समझने योग्य परिणाम और किसी भी त्रुटि संदेश का भी अनुवाद करता है।

डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (डॉस) एवं विंडोज़ में अंतर | Difference between Disk Operating System (DOS) and Windows


डॉस (DOS) सिंगल-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है जबकि विंडोज मल्टी-टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है। डॉस का उपयोग करना विंडोज़ की अपेक्षा अधिक समय लेता है क्योंकि इसमें एक समय में केवल एक ही ऑपरेशन (कमांड) चला सकते हैं। जबकि विंडोज़ में उपयोगकर्ता एक साथ विभिन्न कार्य कर सकते हैं।

Difference between DOS and Windows

डॉस एक कमांड-लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम है, जबकि विंडोज ग्राफिकल बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम है। डॉस उपयोगकर्ताओं को कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) में कंप्यूटर कार्यों को करने के लिए कमांड टाइप करने की आवश्यकता होती थी। जबकि ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) ने विंडोज उपयोगकर्ताओं को माउस पॉइंटर, आइकान, ग्राफिकल ऑब्जेक्ट्स के द्वारा कम्प्यूटर पर कार्यों को आसानी करने में मदद करता है।

विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्किंग सपोर्ट करता है जबकि डॉस (DOS) नेटवर्किंग को सपोर्ट नहीं करता है। विंडोज़ को कई उपयोगकर्ताओं के बीच डेटा और संसाधनों को शेयर करने के लिए अन्य कंप्यूटरों से जोड़ा जा सकता है।

डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीमीडिया को सपोर्ट नहीं करता है, जबकि विंडोज मल्टीमीडिया को सपोर्ट करता है। MS-DOS के उपयोगकर्ता गेम खेलने, मूवी देखने या संगीत सुनने जैसी गतिविधियाँ नहीं कर सकते, जबकि Windows उपयोगकर्ता सभी मल्टीमीडिया प्रोग्राम का आनंद ले सकते हैं।

डॉस एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जो एक डिस्क स्टोरेज डिवाइस का उपयोग कर सकता है इसे फ्लॉपी डिस्क या हार्ड डिस्क ड्राइव पर इंस्टाल कर प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन विंडोज़ को किसी बाहरी डिस्क पर सामान्यतः इंस्टॉल नहीं कर सकते हैं।

वर्तमान में डॉस का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया जाता है, जबकि विंडोज विश्व स्तर पर प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम बन गया है। विंडोज़ उपयोगकर्ताओं में डॉस की तुलना में अधिक सुविधाएं हैं। डॉस में लिमिटेड स्टोरेज का उपयोग किया जाता है जबकि विंडोज़ में अनलिमिटेड स्टोरेज का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे विंडोज़ उपयोगकर्ता अपने मेमोरी स्टोरेज की चिंता किए बिना बहुत सारा डेटा स्टोर कर सकते हैं।

डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य | Functions of Disk Operating System (DOS)


एक ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर प्रोग्राम का एक समूह है जो कंप्यूटर हार्डवेयर उपकरणों के बीच सभी गतिविधियों का समन्वय करता है। यह एक बूट प्रोग्राम द्वारा कंप्यूटर में लोड किया गया पहला प्रोग्राम है और हर समय मेमोरी में बना रहता है।
 डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम के मूल कार्य हैं:
  1  कंप्यूटर को बूट करना (Booting up Computer)
  2  हार्डवेयर कॉन्फ़िगर करना (Configure Hardware)
  3  यूजर इंटरफेस उपलब्ध कराना (Provide User Interface)
  4  सिस्टम रिसोर्सेज का उपयोग (Using System Resources)
  5  फ़ाइल मैनेजमेंट (File Management)

कंप्यूटर को बूट करना (Booting up Computer)


कंप्यूटर को शुरू करने या फिर से शुरू करने की प्रक्रिया को बूटिंग के रूप में जाना जाता है। बूटिंग दो प्रकार की होती है- कोल्ड बूट एवं वार्म बूट. कोल्ड बूट तब होता है जब आप उस कंप्यूटर को चालू करते हैं जिसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है एवं वार्म बूट कंप्यूटर को पुनःआरंभ या रीस्टार्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।

हार्डवेयर कॉन्फ़िगर करना (Configure Hardware)


डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम बेसिक कंप्यूटर हार्डवेयर जैसे कि माउस, कीबोर्ड और प्रिंटर जैसे विभिन्न पेरिफेरल उपकरणों को कॉन्फ़िगर कर उनके संचालन में मदद करता है। उदाहरण के लिए प्रिंटर को प्रिन्ट निकालने के लिए एवं उपयोग करने के लिए कॉन्फ़िगर करना।

यूजर इंटरफेस उपलब्ध कराना (Provide User Interface)


यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम के इंटरफ़ेस के माध्यम से सॉफ्टवेयर के साथ इंटरैक्ट करता है। उपयोगकर्ता इंटरफेस के दो मुख्य प्रकार हैं: कमांड लाइन और एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई)।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) कमांड लाइन इंटरफेस के साथ, उपयोगकर्ता को विशिष्ट कार्यों को करने के लिए कमांड टाइप करके ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इंटरैक्ट करने की सुविधा प्रदान करता है।

सिस्टम रिसोर्सेज का उपयोग (Using System Resources)


डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) विभिन्न एप्लीकेशन या पेरिफेरल उपकरणों द्वारा सिस्टम संसाधन जैसे कंप्यूटर की मेमोरी और सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) आदि को शेयर एवं मैनेज करना भी संभालता है। ऑपरेटिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक एप्लिकेशन को पूरी कार्यक्षमता के साथ काम करने के लिए आवश्यक संसाधन मिलते रहें।

फ़ाइल मैनेजमेंट (File Management)


डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) कंप्यूटर डिस्क में सेव की गई फ़ाइलों और डायरेक्टरी के संगठन और ट्रैकिंग को भी संभालता है। फ़ाइल मैनेजमेंट प्रणाली उपयोगकर्ता को फ़ाइलों और निर्देशिकाओं को बनाने, फ़ाइलों का नाम बदलने, फाइलों को कॉपी करने और स्थानांतरित करने और फ़ाइलों को हटाने जैसे कार्यों को करने की अनुमति देती है। डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम फाइल एलोकेशन टेबल (FAT) के माध्यम से डिस्क में फाइल सिस्टम को ट्रैक करता है।

डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (डॉस) बूटिंग प्रोसेस | Disk Operating System (DOS) Booting Process


कंप्यूटर को स्टार्ट करने की प्रक्रिया को बूटिंग के रूप में जाना जाता है। बूटिंग दो प्रकार की होती है- कोल्ड बूट (Cold Boot) एवं वार्म बूट (Warm Boot)। . कोल्ड बूट तब होता है जब आप उस कंप्यूटर को चालू करते हैं जिसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है एवं वार्म बूट कंप्यूटर को पुनःआरंभ या रीस्टार्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) को स्टार्ट करने के लिए मुख्य रूप से तीन फाइलें उपयोग में लाई जाती हैं -
 command.com,
 io.sys एवं
 msdos.sys.
ये फाइल्स किसी भी कंप्यूटर को डॉस द्वारा बूट कराने के लिए आवश्यक होती हैं। जब पीसी की बूटिंग की जाती है तो एमएस-डॉस रूट डायरेक्ट्री में एक फाइल की खोज करता है जिसका नाम है – AUTOEXEC.BAT
यह एक बैच फाइल है, जिसमें कुछ ऐसे आदेश होते हैं, जिन्हें आप पीसी चालू करते ही उनका पालन कराना चाहते हैं । उदाहरण के लिए, आप चाहते हैं कि बूटिंग के बाद तारीख और समय सेट किया जाए या यह बताना चाहते हैं कि अगर कोई फाइल कहीं न मिले तो उसे किस डायरेक्ट्री में ढूंढना है आदि । एक साधारण AUTOEXEC.BAT फाइल में निम्नलिखित आदेश होते हैं –
 DATE
 TIME
 PROMPT $P$G
 PATH = C:\DOS;C:\WS;C:\WINDOWS

डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (डॉस) कमांड्स | Disk Operating System (DOS) Commands


डॉस कमांड, डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम में उपलब्ध कमांड हैं जो ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य कमांड लाइन आधारित सॉफ्टवेयर के साथ कार्य करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। डॉस कमांड्स को डॉस प्रोम्प्ट "C:\>" पर कमांड को टाइप करके प्रयोग किया जाता है.

DOS Command Prompt


एमएस-डॉस कमांड्स दो प्रकार के होते हैं :-
♦ इंटरनल डॉस कमांड्स
♦ एक्सटर्नल डॉस कमांड्स

इंटरनल डॉस कमांड्स | Internal (DOS) Commands


इंटरनल डॉस कमांड्स ऐसे आदेश है जो एमएस-डॉस की मुख्य फाइल command.com में पहले से होते हैं क्योंकि ये सबसे महत्वपूर्ण हैं और बार-बार देने पड़ते हैं।
ये आदेश कम्प्यूटर की मुख्य मेमोरी में हर समय उपलब्ध रहते हैं तथा इन्हें चलाने के लिए किसी और फाइल की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए इन्हें आन्तरिक आदेश कहा जाता है।
एमएस-डॉस की इन्टर्नल कमांड्स (Internal Commands) निम्नलिखित हैं:-
BREAK, COPY, ERASE, RD, SHIFT, EXIT, MD, REM, TIME, CD, DATE, FOR, MKDIR, REN, TYPE, CHCP, DEL, GOTO, PATH, RENAME, VER, CHDIR, DIR, IF, PAUSE, RMDIR, VERIFY, CLS, ECHO, PROMPT, SET, VOL.

एक्सटर्नल डॉस कमांड्स | External DOS Commands

एक्सटर्नल डॉस कमांड्स ऐसे आदेश हैं जो कम्प्यूटर की मुख्य मैमोरी में उपलब्ध नहीं रहते बल्कि अलग प्रोग्राम फाइलों के रूप में डिस्क पर स्टोर रहते हैं। जैसे ही आप कोई बाह्य कमांड देते हैं, कमान्ड प्रोसेसर उसकी सम्बन्धित फाइल को डिस्क पर ढूंढता है और मिल जाने पर मैमोरी में लोड कर देता है । इसके साथ ही उस कमान्ड का पालन शुरू हो जाता है। एक्सटर्नल डॉस कमांड्स चलाने के लिए यह आवश्यक है कि इनका संस्करण वही होना चाहिए जो आपके एमएस-डॉस का है, नहीं तो ‘Incorrect Version’ का संदेश आएगा और कमांड रद्द हो जाएगी।
एमएस-डॉस के मुख्य एक्सटर्नल डॉस कमांड्स निम्नलिखित हैं :-
APPEND, DOSKEY, HELP, MOVE, SORT, ATTRIB, DOSSHELL, KEYB, MSAV, SYS, CHKDSK, EXPAND, LABEL, NLSFUNC, TREE, DELTREE, FASTOPEN, MEM, MSBACKUP, UNDELETE, DISKCOMP, FORMAT, MEMMAKER, PRINT, XCOPY, DISKCOPY, GRAPHICS, MORE, RESTORE









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