डाटा कम्युनिकेशन क्या है?
Data Communication - An Introduction
डाटा कम्युनिकेशन का परिचय | Introduction to Data Communication
- 1- कम्युनिकेशन क्या हैं? | What is Communication?
- 2- कम्युनिकेशन एवं सूचना प्रोद्योगिकी | Communication and Information Technology
- 3- संचार प्रक्रिया | Communication Process
- 4- कम्युनिकेशन के प्रकार | Mode of Communication
- 5- डेटा कम्यूनिकेशन के माध्यम | Medium of Data Communication
- 6- ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable)
- 7- को-ऐक्सीअल केबल (Coaxial-Cable)
- 8- ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fiber)
- 9- माइक्रोवेव ट्रांसमिशन (Microwave Transmission)
- 10- उपग्रह संचार (Satellite Communication)
कम्युनिकेशन क्या हैं? | What is Communication?
कम्युनिकेशन को हिंदी में संचार कहते हैं किसी जानकारी या सूचनाओं का आदान प्रदान करना संचार कहलाता है। किसी माध्यम से हम अपने जानकारी किसी दूसरे तक पहुंचाते हैं तो इसे संचार (Communication) कहते हैं। कम्युनिकेशन से किसी भी सूचना का आदान-प्रदान बहुत ही आसान तरीके से होता है।
Communication (संचार) का अर्थ सूचनाओं का आदान प्रदान करने से हैं। लेकिन कोई भी सूचना तब तक उपयोगी नहीं हो सकती जब तक कि इन सूचनाओं का आदान प्रदान न हो। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति आपस में कुछ सार्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से विचारों या भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं तो उसे कम्युनिकेशन या संचार कहते हैं।
हमारे पास कम्युनिकेशन के सबसे प्रबल माध्यम में हमारी आवाज और भाषा है और इसके वाहक के रूप में पत्र, टेलीफोन, फैक्स, टेलीग्राम, मोबाइल तथा इन्टरनेट इत्यादि हैं। पहले सूचनाओं या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में काफी समय लगता था, किन्तु वर्तमान में संदेशों का आदान प्रदान बहुत ही आसान हो गया है। सूचना प्रोद्योगिकी के कारण किसी भी सन्देश को कुछ ही सेकंड्स में सारी दुनिया में भेजा जाना मुमकिन हो गया है।
कम्युनिकेशन एवं सूचना प्रोद्योगिकी | Communication and Information Technology
कम्युनिकेशन का उद्देश्य संदेशो तथा विचारों का आदान प्रदान है। इस कम्युनिकेशन को तेज व सरल बनाने में सूचना प्रोद्योगिकी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। कंप्यूटर, मोबाइल, कम्युनिकेशन डिवाइस एवं इन्टरनेट के द्वारा हम पूरी दुनिया में कही भी व किसी भी समय कम से कम समय एवं खर्च में सूचनाओं व विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं।
कम्युनिकेशन सिस्टम के लिए मूल रूप से तीन शब्दों का उपयोग किया जाता है:
▷ डाटा (Data)
▷ सूचना या इनफार्मेशन (Information)
▷ संकेत या सिग्नल (Signal)
डाटा (Data)
डाटा वह सामग्री है, जिसके माध्यम से सूचना / इनफार्मेशन को ट्रांसफर किया जाता है। डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे क्रमबद्ध संख्याएँ, टेक्स्ट, चित्र/इमेजेस, ऑडियो वीडियो आदि।
सूचना / इनफार्मेशन (Information)
सूचना / इनफार्मेशन: सूचना / इनफार्मेशन शब्द का का अर्थ है, डाटा की वेल्यू अथवा डाटा को किस तरह से समझा जा रहा है।
सिग्नल (Signal)
जिस माध्यम द्वारा डाटा भेजा अथवा प्राप्त किया जा रहा है वह सिग्नल कहलाता है, जैसे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स जिनका प्रयोग किसी भौतिक माध्यम द्वारा डाटा प्रेषित करने के लिए किया जाता है। डाटा कम्यूनिकेशन सिस्टम का आउटपुट तीन विशेषताओं - डिलेवरी, एक्यूरेसी या शुद्वता और समयबद्वता पर निर्भर करती है।
डिलेवरी (Delivery)
डिलेवरी (Delivery) - सही गंतव्य पर डाटा की डिलेवरी और इसे केवल उसी डिवाईस या यूजर तक पहुँचना चाहिए जिसके लिए भेजा जा रहा हो।
शुद्धता (Accuracy)
शुद्धता (Accuracy)- डाटा एक्यूरेसी (शुद्धता) तथा पूर्णता के साथ डिलिवर होना चाहिए। ट्रांसमिशन के दौरान परिवर्तित हुआ अथवा अशुद्ध डाटा किसी काम का नहीं रहता है।
समयबद्वता (Timeliness)
समयबद्धता (Timeliness) - डाटा की डिलेवरी समयबबद्ध तरीके से हो जानी चाहिए। विलंब से डिलिवर होने वाले डाटा का कोई उपयोग नहीं रहता है। वीडियो और ऑडियो की स्थिति में, टाईमली डिलेवरी का अर्थ है, डाटा के तैयार होते ही इसे बिना किसी विलंब के उसी क्रम में डिलेवर हो जाना, जिस क्रम में वह जनरेट हुआ है। इस तरह की डिलेवरी को रीयल टाईम ट्रांसमिशन भी कहते है।
संचार प्रक्रिया| Communication Process
कम्युनिकेशन का मुख्य उद्देश्य डाटा व सूचनाओ का आदान प्रदान करना होता है| डाटा कम्युनिकेशन से तात्पर्य दो समान या विभिन्न डिवाइसों के मध्य डाटा का आदान प्रदान से है अर्थात कम्युनिकेशन करने के लिए हमारे पास समान डिवाइस होना आवश्यक है |
संचार प्रक्रिया (Communication Process ) में सूचना का प्रेषक (Sender), सूचना का रिसीवर (Reciever), संचार के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा (Medium), और संचार को स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला माध्यम (Protocol) शामिल है। कंप्यूटर के बीच संचार भी एक समान प्रक्रिया का अनुसरण करता है।
किसी कम्युनिकेशन प्रोसेस के 5 मुख्य तत्व (Element) होते हैं|
▷ संदेश (Message)
▷ प्रेषक (Sender)
▷ माध्यम (Medium)
▷ प्राप्तकर्ता (Receiver)
▷ प्रोटोकॉल (Protocol)
कम्युनिकेशन के प्रकार | Mode of Communication
जिस प्रकार सड़क पर वन वे ट्रेफिक या टू वे ट्रेफिक होता है, उसी प्रकार कम्युनिकेशन चैनल के मोड होते हैं। कम्युनिकेशन चैनल तीन प्रकार के होते हैं:-
▷ सिम्पलेक्स (Simplex),
▷ हाफ ड्यूप्लेक्स (Half Duplex)
▷ फुल ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)|
सिम्पलेक्स (Simplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण सदैव एक ही दिशा में होता हैं| अर्थात हम अपनी सूचनाओ को केवल भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते सिम्पलेक्स कम्युनिकेशन कहलाता हैं | उदाहरणार्थ- कीबोर्ड, कीबोर्ड से हम केवल सूचनाये भेज सकते है प्राप्त नहीं कर सकते |
अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण दोनों दिशाओ में होता है लेकिन एक समय में एक ही दिशा में संचरण होता है| यह अवस्था वैकल्पिक द्वि-मार्गी (Two way alternative) भी कहलाती है| अर्थात् इस अवस्था में हम अपनी सूचनाओ को एक ही समय में या तो भेज सकते है या प्राप्त कर सकते है| उदाहरणार्थ- हार्डडिस्क (Hard disk), हार्डडिस्क से डाटा का आदान प्रदान अर्द्ध ड्यूप्लेक्स (Half Duplex) अवस्था में होता है| जब हार्डडिस्क पर डाटा संगृहीत (Save) किया जाता है तो उस समय डाटा को हार्डडिस्क से पढ़ा नहीं जा सकता है और जब हार्डडिस्क से डाटा को पढ़ा जाता है तो उस समय हम डाटा को संगृहीत (Save) नहीं कर सकते |
पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex)
इस अवस्था में डाटा का संचरण एक समय में दोनों दिशाओं में संभव होता है हम एक ही समय में दोनों दिशाओ में सूचनाओं का संचरण कर सकते है | अर्थात हम एक ही समय में सूचनाएं भेज भी सकते है और प्राप्त भी कर सकते है पूर्ण ड्यूप्लेक्स (Full Duplex) कहलाता हैं | उदाहरणार्थ- Smart Phone
डेटा कम्यूनिकेशन / ट्रांसमिशन के माध्यम | Medium of Data Communication / Transmission
ट्रांसमिशन मीडियम / माध्यम से डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में भेजा जाता है। एक कंप्यूटर से टर्मिनल या टर्मिनल से कंप्यूटर तक डाटा भेजने अथवा प्राप्त करने के लिए किसी माध्यम (Medium) की आवश्यकता होती है जिसे कम्यूनिकेशन लाइन या डाटा लिंक कहते हैं। ट्रांसमिशन मीडियम निम्न प्रकार के होते हैं:–
▷ ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable)
▷ को-एक्सेल केबल (Coaxial-Cable)
▷ ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fiber)
▷ माइक्रोवेव ट्रांसमिशन (Microwave Transmission)
▷ उपग्रह संचार (Satellite Communication)
ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable)
ट्विस्टेड पेयर केबल (Twisted Pair Cable) में प्लास्टिक या टेफ्लॉन जैसी इन्सुलेट सामग्री के साथ कॉपर वायर चार जोड़े / पेयर होते हैं, जो कि एक साथ मुड़ जाते हैं। तारों का घुमाव बाहरी स्रोतों से विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप / इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस को कम करता है। कम लागत की वजह से ट्विस्टेड पेयर केबलिंग का इस्तेमाल अक्सर डेटा नेटवर्क में शॉर्ट और मीडियम लेंथ कनेक्शन के लिए किया जाता है।
ट्विस्टेड पेयर केबल दो प्रकार की होती है- शील्डेड ट्विस्टेड पेयर (एसटीपी) (Sheilded Twisted Pair), और अनशील्डेड ट्विस्टेड पेयर (यूटीपी) (Unsheilded Twisted Pair)।
शील्डेड ट्विस्टेड पेयर (एसटीपी) (Sheilded Twisted Pair) केबल में कॉपर वायर के पेयर और बाहरी आवरण के बीच एक मेटल फॉयल की एक अतिरिक्त परत होती है। यह मेटल फॉयल बाहरी हस्तक्षेप से अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है।
अनशील्डेड ट्विस्टेड पेयर (यूटीपी) (Unsheilded Twisted Pair) केबल 100 मीटर तक की कम दूरी पर डाटा कम्युनिकेशन के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला माध्यम है। UTP केबल में चार जोड़े तारों में से, केवल दो जोड़े संचार के लिए उपयोग किए जाते हैं। UTP केबल को विभिन्न श्रेणियों में परिभाषित किया गया है। आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला यूटीपी केबल कैट -5 (CAT-5) , कैट-6 (CAT-6) केबल हैं , जिनका उपयोग तेज ईथरनेट के साथ किया जाता है।
को-एक्सियल केबल (Coaxial-Cable)
को-एक्सियल केबल (Coaxial-Cable) में एक सिंगल इंटरनल कंडक्टर होता है जो विद्युत संकेतों को प्रसारित करता है; बाहरी कंडक्टर अर्थिंग के रूप में कार्य करता है। दो कंडक्टर इन्सुलेशन द्वारा अलग किए जाते हैं। यह उच्च गुणवत्ता के संचार के माध्यम है. ये जमीन या समुद्र के नीचे से ले जाए जाते हैं. इस कंडक्टर के ऊपर तार की एक जाली होती हैं जिसके भी ऊपर एक और कंडक्टर की परत होती हैं.
ये टेलिफोन तार की तुलना मे बहुत महंगा होता है पर ये अधिक डेटा को ले जा सकता है. इसका उपयोग केवल टीवी नेटवर्क या फिर कंप्यूटर नेटवर्क मे किया जाता हैं.
ऑप्टिकल फाइबर (Optical Fiber)
ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग बड़ी दूरी पर जानकारी के प्रसारण के लिए किया जा रहा है. यह एक नई तकनीक हैं जिसमे धातु के तार या केबल के जगह विशिष्ट प्रकार के ग्लास फाइबर का उपयोग किया जाता हैं. ऑप्टिकल फाइबर विद्युत संकेतों के बजाय डेटा को प्रकाश संकेतों के रूप में प्रसारित करता है। ये बहुत ही हलकी और और बहुत ही तेजी से डाटा अदान प्रदान करने मे कारगर होती हैं. यह प्रकाश को आधार बना कर उसी के माध्यम से डाटा को भेजती है. यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता हैं.
एक ऑप्टिकल फाइबर केबल में तीन परतें होती हैं: कोर (CORE) - ऑप्टिकल फाइबर कंडक्टर (ग्लास) होता है जो प्रकाश को प्रसारित करता है. क्लैडिंग (CLADDING) - एक ऑप्टिकल मटेरियल जो कोर को बाहर निकलने से रोकने के लिए कोर को कवर करती है, और जैकेट (JACKET) - फाइबर को किसी भी होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्लास्टिक से बना बाहरी आवरण।
माइक्रोवेव ट्रांसमिशन (Microwave Transmission)
इस सिस्टम मे सिग्नल रेडियो सिग्नल की तरह संचारित किये जाते हैं. माइक्रोवेव ट्रांसमिशन एक माइक्रोवेव लिंक पर सूचना प्रसारित करने की तकनीक है। माइक्रोवेव में रेडियो तरंगों की तुलना में उच्च आवृत्ति की तरंगें होती है। सभी दिशाओं (जैसे रेडियो तरंगों) में प्रसारण के बजाय, माइक्रोवेव प्रसारण को एक ही दिशा में ट्रांसमिट किया जा सकता है।
माइक्रोवेव का उपयोग करते समय ट्रांसमीटर और रिसीवर के बीच एक स्पष्ट मार्ग होता है। एक सिस्टम मे डाटा एक सीधी रेखा मे गमन करती है तथा एंटीना की भी आवश्कता होती हैं. लगभग तीस किलोमीटर पर एक रिले स्टेशन की भी जरुरत होती है. इसका उपयोग टीवी प्रसारण और सेल्युलर नेटवर्क मे किया जाता हैं. यह स्टैंडर्ड टेलिफोन लाइन और को-एक्सेल केबल की तुलना मे तीव्र गति से संचार अदान प्रदान करता हैं.
उपग्रह संचार (Satellite Communication)
उपग्रह के साथ रेडियो फ्रिक्वेंसी ट्रांसमिशन को मिलाकर लंबी दूरी तक संचार प्रदान किया जा सकता है। जियोसिंक्रोनस उपग्रहों को पृथ्वी की सतह के ऊपर 36,000 किमी की दूरी पर पृथ्वी के रोटेशन के साथ सिंक्रोनाइज़ की गई एक कक्षा में रखा गया है। पृथ्वी से देखे जाने पर जियोसिंक्रोनस उपग्रह स्थिर दिखाई देते हैं। उपग्रह में ट्रांसपोंडर होते हैं जो आरएफ संकेतों को प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें एक अलग कोण पर जमीन पर वापस भेज सकते हैं। समुद्र के एक तरफ एक ग्राउंड स्टेशन उपग्रह को सिग्नल भेजता है जो बदले में समुद्र के दूसरी तरफ ग्राउंड स्टेशन को सिग्नल भेजता है. इसका उपयोग उपग्रह फोन, टीवी, इन्टरनेट और कई वैज्ञानिक कारण से किया जाता हैं.
उपग्रह संचार तीव्र गति के डेटा संचार का माध्यम है. यह लंबी दूरी के संचार के लिए आदर्श माना जाता हैं. अंतरिक्ष मे स्थित उपग्रह को जमीन पर स्थित स्टेशन से सिग्नल भेजा जाता है. उपग्रह उस सिग्नल का विस्तार कर दूसरे जमीनी स्टेशन को पुनः भेजता है. एक सिस्टम मे विशाल डेटा के समूह को कम समय मे अधिकतम दूरी पर भेजा जाता हैं.
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उपरोक्त नोट्स आपको डाटा कम्युनिकेशन क्या है, डाटा कम्युनिकेशन के प्रकार, डाटा कम्युनिकेशन की विधियाँ, कम्युनिकेशन के माध्यम , डाटा कम्युनिकेशन मीडियम आदि के बारे में जानकारी हेतु सहायक होंगे. अगले टॉपिक में कंप्यूटर नेटवर्किंग एवं टोपोलॉजी (Computer Communication) का अध्ययन करेंगे.
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