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Cache Memory HIndi Notes

Cache Memory | Computer Hindi Notes

Computer Memory - Cache Memory


Types of Computer Memory

कंप्यूटर मेमोरी - कैश मेमोरी


What is Cache Memory? | कैश मेमोरी क्या हैं?

कंप्यूटर में डेटा प्रोसेसिंग के दौरान आवश्यक डेटा और निर्देशों को सेकेंडरी स्टोरेज से प्राप्त कर रैम में स्टोर किया जाता है। RAM और CPU रजिस्टरों के बीच डेटा ट्रान्सफर होने में समय लगता है, जो कि कंप्यूटर की प्रोसेसिंग गति को प्रभावित करता है। जिससे कंप्यूटर का परफॉरमेंस धीमा (Slow) स्लो होता है। इस कमी को दूर करने के लिए कैश मेमोरी (Cache Memory) का प्रयोग किया जाता है, कैश मेमोरी (Cache Memory) एक बहुत ही उच्च गति की मेमोरी है, जो कि RAM और CPU के बीच स्थित होती है।

यह एक हाई स्पीड, स्टैटिक रेंडम एक्सेस मेमोरी (SRAM) है जिसे माइक्रोप्रोसेसर तेज़ी से एक्सेस करता है। यह सीपीयू और प्राइमरी मेमोरी के बीच बफर के रूप में कार्य करता है। इसका उपयोग डेटा और प्रोग्राम के उन हिस्सों को रखने के लिए किया जाता है जो सीपीयू द्वारा सबसे ज्यादा / बार बार उपयोग किए जाते हैं। कैश मेमोरी में डेटा अस्थाई रूप से स्टोर रहता है, और इसकी स्टोरेज क्षमता भी कम होती है। कैश मेमोरी से कंप्यूटर की प्रोसेसिंग स्पीड एवं कार्यक्षमता बढ़ जाती है। कैश मेमोरी बहुत महंगी होती है, इसलिए यह आकार में छोटी है। आम तौर पर, कंप्यूटर में 256 केबी से 12 एमबी के आकार की कैश मेमोरी होती है।

Working of Cache Memory | कैश मेमोरी की कार्यप्रणाली

कैश मेमोरी एक स्टोरेज बफर (Buffer) है जो अधिक बार उपयोग किए जाने वाले डेटा को अस्थायी रूप से संग्रहीत (Store) करता है, और उन्हें प्रोसेसिंग के दौरान फास्ट स्पीड से सीपीयू (CPU) को उपलब्ध कराता है। CPU में ही Embedded होने के कारण कैश मेमोरी प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत तेज (Fast) होती है, इसमें वही डेटा स्टोर होता है जिसकी CPU को बार–बार जरुरत पड़ती है। प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक डेटा की उपलब्धता पहले कैश मेमोरी में चेक की जाती है, यदि डेटा कैश मेमोरी में नहीं मिलता है, तो उस डेटा को रैम से प्राप्त किया जाता है।

Working Diagram Cache Memory


किसी भी एप्लीकेशन अथवा प्रोग्राम के लिए सीपीयू (CPU) हार्ड डिस्क से डेटा सीधे प्राप्त (Fetch) नहीं करता है, क्योंकि हार्ड डिस्क की स्पीड स्लो (Slow) होती है, इसलिए आवश्यक डेटा प्राइमरी मेमोरी रेम (RAM) में लोड होता है। रेम (RAM) की डेटा ट्रान्सफर स्पीड, डेटा एक्सेस टाइम CPU की तुलना में स्लो (Slow) होता है, जिससे CPU की कार्यक्षमता (Performance) ख़राब होती है। इस कमी को दूर करने के लिए कैश मेमोरी का उपयोग किया जाता है।
रेंडम एक्सेस मेमोरी (RAM), मेमोरी एड्रेस से डेटा या निर्देशों का बैकअप (Backup) कैश मेमोरी में बना देती है। जिससे CPU को जिस डेटा की जरुरत होती है वह उसे कैश मेमोरी में चेक (Check) करता है, अगर कैश मेमोरी में डेटा मिल जाता है तो CPU डेटा को प्रोसेस कर देता है और अगर डेटा नहीं मिलता है तो CPU उसे RAM से प्राप्त करता है। कैश मेमोरी में वही डेटा स्टोर रहता है जिसे CPU को बार–बार जरुरत होती है।

जब CPU को प्रोसेसिंग के लिए किसी डेटा की जरुरत होती है तो सबसे पहले उस डेटा को Level 1 (L1 Cache) कैश मेमोरी में ढूंढ़ता है, डेटा नहीं मिलने पर उसे (L2 Cache) कैश मेमोरी तथा उसके बाद (L3 Cache) कैश मेमोरी में ढूंढ़ता है। यदि CPU को किसी भी कैश मेमोरी में वो डेटा मिल जाता है तो इसे कैश हिट (Cache Hit) कहते है और यदि डेटा किसी भी कैश मेमोरी में नहीं मिलता तो इसे कैश मिस (Cache Miss) कहते हैं। CPU को किसी भी कैश मेमोरी में डेटा नहीं मिलने पर उसे प्राइमरी मेमोरी (RAM) में सर्च करता है और यदि यहां भी वो डेटा नहीं मिलता तो CPU सेकेंडरी मेमोरी (हार्ड डिस्क) से उस डेटा को प्राप्त करता है। जब पहली बार कंप्यूटर या कोई एप्लिकेशन स्टार्ट किया जाता है, तो कैश मेमोरी या रैम में डेटा उपलब्ध नहीं होता है, इस स्थिति में सीपीयू को हार्ड डिस्क ड्राइव से सीधे डेटा प्राप्त होता है।

Types of Cache Memory | कैश मेमोरी के प्रकार

एक कंप्यूटर में कैश मेमोरी (Cache Memory) के अलग अलग लेवल्स (levels) होते हैं। इनको सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) से कनेक्टिविटी और एक्सेसबिलिटी के आधार पर दर्शाया जाता है। जो Cache Memory कंप्यूटर में CPU के करीब स्थित होगी वो अन्य लेवल के मुकाबले तेज (fast) होगी, लेकिन सबसे सबसे कम डाटा स्टोर करती है।
कैश मेमोरी (Cache Memory) सामान्यतः तीन प्रकार की होती हैं।
  ⇨  लेवल-1 L1 Cache Memory
  ⇨  लेवल-2 L2 Cache Memory
  ⇨  लेवल-3 L3 Cache Memory

L1, L2 and L3 Cache Memory | L1, L2 एवं L3 कैश मेमोरी


Level of Cache Memory

कंप्यूटर सिस्टम में CPU के साथ बिल्ट-इन कैश मेमोरी लेवल-1 (L1) कैश मेमोरी और लेवल-2 (L2) कैश मेमोरी होती है। बिल्ट-इन L1 और L2 कैश मेमोरी के अलावा, कुछ CPU में मदरबोर्ड पर एक अलग कैश चिप (Cache Chip) होती है जिसे लेवल-3 (L3) कैश मेमोरी कहा जाता है।

L1 (Level-1) Cache Memory | L1 कैश मेमोरी

L1 कैश वह कैश मेमोरी है जिसे सीपीयू में ही बनाया (Inbuilt) गया है। यह सीपीयू की तरह ही क्लॉक स्पीड पर चलता है। ये सबसे तेज (fastest cache) मेमोरी होती है,अधिकांश कंप्यूटर में ये CPU Cache के रूप में कार्य करती है,इसलिये इसे प्राइमरी कैश मेमोरी (Primary Cache) भी कहा जाता है। एड्रैस रजिस्टर (Address Register) इसका एक उदाहरण है। यह कैश मेमोरी का सबसे महंगा प्रकार है इसलिए इसका आकार सीमित होता है। L1 Cache Memory का साइज़ सबसे कम होता है। L1 कैश मेमोरी का साइज़ 64KB से 1MB तक होता है।

L2 (Level-2) Cache Memory | L2 कैश मेमोरी

L1 कैश की तरह ही सीपीयू चिप में L2 कैश भी स्थित हो सकता है, हालांकि यह CPU कोर के करीब नहीं होता है। L2 कैश CPU और RAM के बीच एक अलग चिप (chip) होती है। सीपीयू जब भी L1 Cache में डाटा को सर्च (search) करता है और वहां नही मिलने पर वह L2 Cache में सर्च (search) करेगा, इसलिये L2 को सेकेन्ड्री कैश (Secondary Cache) भी कहते हैं। हाई-स्पीड सिस्टम बस, कैश को माइक्रोप्रोसेसर से इंटरकनेक्ट करता है।
L2 कैश L1 कैश की तुलना में कम खर्चीला और बड़ा होता है, इसलिए L2 कैश का आकार बड़ा होता है। L2 कैश का आकार सामान्यतः 64KB से 8MB तक हो सकता है।

L3 (Level-3) Cache Memory | L3 कैश मेमोरी

L3 कैश मेमोरी : लेवल 3 कैश एल 1 या एल 2 कैश की तुलना में बहुत बड़ी होती है, लेकिन यह इन दोनों कैश से अलग है। L1 और L2 कैश एक प्रोसेसर के प्रत्येक कोर के लिए प्राइवेट होती हैं, जबकि L3 एक शेयर्ड कैश है जो सभी कोर के लिए कॉमन है। यह डेटा शेयरिंग और इंटर-कोर कम्युनिकेशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। L1 और L2 के मुकाबले L3 सबसे बड़ी (largest) कैश मेमोरी (Cache Memory) है, लेकिन यह तीनों में सबसे धीमी (slowest) भी है। L3 कैश मेमोरी का साइज़ लगभग 4MB से 64MB तक हो सकता है। L3 कैश (cache) का मुख्य उपयोग प्रोसेसिंग की गति को बढ़ाना होता है। रैम (RAM) की तुलना में L3 कैश की स्‍पीड दुगुनी (Double) होती है।

Advantages of Cache Memory | कैश मेमोरी के लाभ

कैश मेमोरी के मुख्य लाभ निम्नानुसार हैं:-
⇨  कैश मेमोरी मुख्य मेमोरी से तेज होती है।
⇨  कैश मेमोरी मुख्य मेमोरी की तुलना में कम एक्सेस समय (Access Time) लेती है।
⇨  कैश मेमोरी उस डाटा/प्रोग्राम को स्टोर करता है जिसे कम समय में निष्पादित (Execute) किया जा सकता है।
⇨  कैश मेमोरी अस्थायी उपयोग के लिए डेटा संग्रहीत करता है।

कैश मेमोरी के नुकसान इस प्रकार हैं -
⇨  कैश मेमोरी की सीमित क्षमता (Limited Capacity) होती है।
⇨  कैश मेमोरी बहुत महंगी (Costly) होती है।



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