Output Device in Computers
कम्प्यूटर में प्रयोग किए जाने वाले विभिन्न आउटपुट डिवाइस
कम्प्यूटर्स के आउटपुट डिवाइस | Output Device in Computers
- 1- आउटपुट डिवाइस क्या हैं? | What are Output Device?
- 2- आउटपुट डिवाइस के प्रकार | Types of Output Device
- 3- मॉनीटर(Monitor)
- 4- मॉनीटर के प्रकार | Various Types of Monitor
- 5- मॉनीटर की विशेषताऐं | Characterstics of Monitor
- 6- प्रोजेक्टर (Projector)
- 7- प्रिंटर (Printer)
- 8- इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Impact Printing) एवं नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Non-Impact Printing)
- 9- प्लॉटर (Plotter)
- 10- साउंड कार्ड (Sound Card) एवं स्पीकर (Speaker)
आउटपुट डिवाइस क्या हैं? | What are Output Device?
आउटपुट डिवाइस के द्वारा कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों (Result) को प्राप्त किया जाता है इन परिणामों को प्राय: डिस्प्ले डिवाइस (स्क्रीन) या प्रिंटर के द्वारा प्राप्त किया जाता हैं। मुख्य रूप से आउटपुट के रूप में प्राप्त सूचनाएं या तो हम स्क्रीन पार देख सकते है या प्रिंटर से पेज पर प्रिंट कर सकते है या संगीत सुनने के लिये आउटपुट के रूप में स्पीकर का उपयोग कर सकते हैं।
“आउटपुट डिवाइस वे डिवाइस होते हैं जो User द्वारा इनपुट किये गए डाटा को रिजल्ट के रूप में प्रदर्शित करते हैं ।”
आउटपुट डिवाइस सूचना के किसी भी भाग तथा सूचना के किसी भी प्रकार जैसे टेक्स्ट (Text), ध्वनि (Sound), डाटा (Data), मेमोरी (Memory), चित्र (Images) इत्यादि को प्रदर्शित कर सकते हैं।
वे उपकरण जिनके द्वारा कंप्यूटर से प्राप्त परिणामों को प्राप्त किया जाता है आउटपुट डिवाइसेज कहलाते हैं। आउटपुट डिवाइस कई प्रकार के होते हैं।
मॉनीटर एक ऐसा आउटपुट उपकरण (Output Device) है जो टी.वी. जैसे स्क्रीन पर आउटपुट को प्रदर्शित करता है इसे विजुअल डिस्प्ले यूनिट (Visual Display Unit) भी कहते हैं। माॅनीटर एक सबसे महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस है। इसके बिना कम्प्यूटर अधूरा होता है। यह आउटपुट को अपनी स्क्रीन पर सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) के रूप में प्रदर्शित करता है।
मॉनीटर के प्रकार (Types of Monitor)
CRT मॉनिटर सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाला आउटपुट डिवाइस हैं जिसे VDU (Visual display Unit) भी कहते हैं इसका मुख्य भाग कैथोड रे ट्यूब होती हैं जिसे पिक्चर ट्यूब भी कहते हैं। अधिकतर मॉनीटर में पिक्चर ट्यूब एलीमेंट होता है जो टी.वी. सेट के समान होता है। सी.आर.टी. तकनीक सस्ती और कलर आउटपुट प्रदान करती है। वर्तमान में इनका प्रयोग कम हो गया है।
CRT मॉनिटर बिलकुल टेलीविजन की तरह हुआ करते थे टेक्नोलॉजी के विकास के साथ मॉनिटर ने भी अपने रूप बदले और आज CRT मॉनिटर के बदले LCD मॉनिटर प्रचलन में आ गए है यह मॉनिटर बहुत ही आकर्षित होते हैं। LCD को Liquid Crystal Display के नाम से भी जाना जाता है जो एक फ्लैट सतह पर लिक्विड क्रिस्टल के माध्यम से आकृति बनाता हैं यह कम जगह एवं कम ऊर्जा लेता है तथा पारंपरिक सी आर टी मॉनिटर की अपेक्षाकृत कम गर्मी पैदा करता हैं। यह डिस्प्ले सबसे पहले लैपटॉप में प्रयोग होता था परन्तु अब यह डिस्प्ले स्क्रीन के रूप में डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए भी प्रयोग हो रहा है।
TFT मॉनिटर थिन-फिल्म-ट्रांजिस्टर पर आधारित है, जो लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (एलसीडी) का एक संस्करण है। टीएफटी को सक्रिय मैट्रिक्स एलसीडी के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि वे एक साथ स्क्रीन पर कुछ निश्चित पिक्सल को बनाए रख सकते हैं जो कम से कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं। यह ब्राइट LED बैकलाइट्स, शार्प इमेज, अधिक व्यूइंग एंगल, अच्छे कलर प्रदर्शित करते हैं।
LED मॉनिटर एक फ्लैट पैनल डिस्प्ले है जो वीडियो डिस्प्ले के लिए पिक्सेल के रूप में लाइट एमिटिंग डायोड (LED) का बैकलाइट के रूप में उपयोग करता है, जबकि एलसीडी मॉनिटर कोल्ड कैथोड फ्लोरोसेंट लैंप (CCFL) का उपयोग करते हैं। जिसकी वजह से एलईडी कम बिजली का इस्तेमाल करते हैं। एलईडी का उपयोग घर के प्रकाश बल्ब, ट्रैफिक लाइट, स्मार्टफोन और लैपटॉप स्क्रीन में प्रकाश स्रोत के रूप में भी किया जाता है।
किसी भी प्रकार के मॉनीटर के अंदर कुछ खास तकनीकी विशेषताएँ होती हैं जिनके आधार पर ही इनकी गुणवत्ता को परखा जाता है। मॉनीटर के मुख्य विशेषताएँ रेजोल्यूशन, रिफ्रेश रेट, डॉट पिच, इंटरलेसिंग, बिट मेपिंग आदि है जिनके आधार पर इनकी क्वालिटी को चेक किया जाता है।
मॉनीटर का महत्वपूर्ण गुण – रेजोल्यूशन (Resolution) है, यह मॉनिटर की स्क्रीन (Screen) के पिक्चर क्वालिटी की स्पष्टता या शार्पनेस (Sharpness) को बताता है। अधिकतर डिस्प्ले डिवाइस में स्क्रीन (Screen) के छोटे छोटे डॉट (Dots) के से इमेज बनती है। स्क्रीन के ये छोटे छोटे डॉट (Dots) पिक्सल (Pixels) कहलाते है। पिक्सल (Pixels) शब्द पिक्चर एलीमेंट (Picture Element) का संक्षिप्त रूप है। स्क्रीन पर जितने अधिक पिक्सल होगें स्क्रीन का रेजोल्यूशन (Resolution) भी उतना ही अधिक होगा अर्थात इमेज उतनी ही स्पष्ट होगी। यदि डिस्प्ले रेजोल्यूशन (Resolution) 640 x 480 है तो इसका अर्थ है कि स्क्रीन 640 डॉट के कॉलम (Column) और 480 डॉट की रो (Row) से बनी है।
माॅनीटर लगातार कार्य करता रहता है । कम्प्यूटर स्क्रीन पर इमेज दायें से बायें एवं ऊपर से नीचे स्क्रॉल होती रहती है, जो कि इलेक्ट्रान गन से व्यवस्थित होती रहती है। इसका अनुभव हम तभी कर पाते है जब स्क्रीन क्लिक करते है या जब रिफ्रेश रेट कम होती है । माॅनीटर में रिफ्रेश रेट को हर्टज में नापा जाता है। जितना अधिक रिफ्रेश रेट होगा डिस्प्ले क्वालिटी उतनी ही अच्छी होगी। सामान्यतः यह 60 हर्ट्ज़ होती है।
डाॅट पिच को दो पिक्सल के मध्य हॉरिजॉन्टल दूरी के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे मिलीमीटर में मापा जाता है। यह माॅनीटर की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है। माॅनीटर में डाॅटपिच कम होना चाहिये। इसको फाॅस्फर पिच भी कहा जाता है। कलर माॅनीटर की डाॅट पिच 0.15 MM से .30 MM तक होती है।
डिजिटल प्रोजेक्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो कंप्यूटर या अन्य डिवाइस से कनेक्ट करके वीडियो आउटपुट को स्क्रीन या दीवार पर प्रोजेक्ट करने में सक्षम है। प्रोजेक्टर भी एक आउटपुट डिवाइस हैं प्रोजेक्टर का प्रयोग चित्र या वीडियो को एक प्रोजेक्शन स्क्रीन पर प्रदर्शित करके श्रोताओ को दिखाने के लिए किया जाता हैं। इनका प्रयोग मल्टीमीडिया कंटेंट के लिए भी किया जाता है| प्रोजेक्टर आमतौर पर क्लास रूम, कॉन्फ्रेंस रूम, ऑडिटोरियम में उपयोग किए जाते हैं।
प्रिंटर (Printer) एक आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को कागज पर छापता है। कागज पर आउटपुट (Output) की यह प्रतिलिपि हार्ड कॉपी (Hard Copy) कहलाती है। कंप्यूटर से जानकारी अथवा आउटपुट (Output) बहुत तेजी से मिलता है और प्रिंटर (Printer) इतनी तेजी से कार्य नहीं कर पाता इसलिये यह आवश्यकता महसूस की गयी कि प्रिंट की जाने वाली जानकारियों को प्रिंटर (Printer) में ही स्टोर (Store) किया जा सके इसलिये प्रिंटर (Printer) में भी एक मेमोरी (Memory) होती है जहाँ से यह परिणामों को धीरे-धीरे प्रिंट करता है। “प्रिंटर (Printer) एक ऐसा आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) को हार्ड कॉपी (Hard Copy) में परिवर्तित (Convert) करता हैं”
प्रिंटिंग विधि (Printing Method) : प्रिंटिंग (Printing) में प्रिंट करने की विधि बहुत महत्वपूर्ण एलिमेंट है प्रिंटिंग विधि दो प्रकार की होती है। इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Impact Printing) तथा नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Non-Impact Printing) इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Impact Printing):-
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer) एक इम्पैक्ट प्रिंटर (Impact Printer) है, इस प्रिंटर के प्रिंट हैड (Print Head) में अनेक पिनों (Pins) का एक मैट्रिक्स (Matrix) होता है और प्रत्येक पिन के रिबिन (Ribbon) और कागज (Paper) पर स्पर्श से एक डॉट (Dot) बनता है। अनेक डॉट मिलकर एक कैरेक्टर बनाते (Character) है। प्रिंट हैड (Print Head) में 7, 9, 14, 18 या 24 पिन (Pins) होती हैं। इसमें एक बार में एक लाइन प्रिंट होती है। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer) की प्रिंटिंग गति (Printing Speed) 30 से 600 कैरेक्टर प्रति सेकंड (CPS-Character Per Second) होती है। सामान्यतः इस प्रिंटर की प्रिंट क्वालिटी (Quality) बहुत अच्छी नहीं होती है।
यह सॉलिड फॉण्ट (Solid Font) वाला इम्पैक्ट प्रिंटर है इसका नाम डेजी व्हील (Daisy Wheel) इसलिये दिया गया है क्योंकि इसके प्रिंट हैड की आकृति एक फूल डेज़ी (Daisy) से मिलती है। डेजी व्हील प्रिंटर धीमी गति का प्रिंटर है लेकिन इसका आउटपुट स्पष्ट होता है। यह लैटर क्वालिटी प्रिंटर (Letter Quality Printer) कहलाता है। इसके प्रिंट हैड (Print Head) में एक व्हील (Wheel) होता है जिसके प्रत्येक स्पोक (Spoke) में एक कैरेक्टर (Character) का फॉण्ट उभरा रहता है। प्रिंटिंग के समय कैरेक्टर का स्पोक(Spoke) व्हील के घूमने से प्रिंट पोजीशन (Position) पर आता है और एक हैमर, स्पोक रिबन और कागज पर टकराता हैं जिससे अक्षर कागज पर छप जाता है इस प्रकार के प्रिंटर अब बहुत कम उपयोग में हैं।
लाइन प्रिंटर (Line Printer) एक इम्पैक्ट प्रिंटर हैं इनका उपयोग हाई स्पीड (High Speed) प्रिंटिंग के लिए किया जाता है। ये प्रिंटर एक बार में एक कैरेक्टर प्रिंट करने की अपेक्षा एक लाइन एक बार में प्रिंट कर सकते हैं। इनकी प्रिंटिंग स्पीड 300 से 3000 लाइन प्रति मिनिट (Line Per Minute) होती हैं ये प्रिंटर मिनी एवं मेनफ़्रेम कंप्यूटर में प्रयोग किये जाते हैं।
ड्रम प्रिंटर (Drum Printer) में तेज गति से घूमने वाला एक ड्रम (Drum) होता है जिसकी सतह पर अक्षर (Character) उभरे रहते हैं। एक बैंड (Band) पर सभी अक्षरों का एक समूह (Set) होता हैं, ऐसे अनेक बैंड सम्पूर्ण ड्रम पर होते हैं जिससे कागज पर लाइन की प्रत्येक स्थिति में कैरेक्टर छापे जा सकते हैं। ड्रम तेजी से घूमता हैं और एक रोटेशन (Rotation) में एक लाइन छापता है।
चैन प्रिंटर (Chain Printer) में तेज घूमने वाली एक चेन (Chain) होती है जिसे प्रिंट चेन (Print Chain) कहते हैं। चेन में कैरेक्टर छपे होते है प्रत्येक कड़ी (Link) में एक कैरेक्टर का फॉण्ट (Font) होता हैं प्रत्येक प्रिंट पोजीशन (Print Position) पर हैमर (Hammer) लगे होते हैं जिससे हैमर (Hammer) कागज पर टकराकर एक बार में एक लाइन प्रिंट करता हैं।
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Non-Impact Printing) में प्रिंट हैड (Print Head) या पेपर के मध्य संपर्क नहीं होता है इसमें लेजर प्रिंटिंग (Laser Printing) तकनीक का उपयोग किया जाता है इसलिये इसकी क्वालिटी अधिक अच्छी होती है। नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर अनेक प्रकार के होते हैं जैसे-
लेजर प्रिंटर (Laser printer) नॉन इम्पैक्ट पेज प्रिंटर हैं। ये प्रिंटर अधिक लोकप्रिय हैं क्योंकि ये अपेक्षाकृत अधिक तेज और उच्च क्वालिटी में टेक्स्ट और ग्राफिक्स प्रिंट करने में सक्षम हैं। अधिकांश लेजर प्रिंटर में एक माइक्रो प्रोसेसर (Micro Processor) रेम (Ram) व रोम (Rom) का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह अधिक स्पीड से प्रिंट कर सकते हैं। । इन प्रिंटर में कार्टरेज का प्रयोग किया जाता है जिसके अंदर इंक पाउडर होता है। इन प्रिंटर के कार्य करने की विधि मूलरूप से फोटोकॉपी मशीन की तरह होती है। लेजर प्रिंटर 300 से लेकर 2400 DPI (Dot Per Inch) तक या उससे भी अधिक रेजोलुशन की प्रिंटिंग करता है। कलर लेजर प्रिंटर उच्च क्वालिटी का कलर प्रिंट देते हैं इसमें चार अलग अलग कलर के टोनर होते हैं: सियान, मेग्नेटा, येलो एवं ब्लैक ( C-Cyan , M-Magneta , Y-Yellow, K-blacK) इन चार कलर (CMYK) का उपयोग प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी में किसी भी कलर को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer) एक ऐसी तकनीक उपयोग करते हैं जिसमें कागज पर वैक्स (wax) आधारित रिबन से अक्षर प्रिंट (Print) किये जा सकते है इस प्रिंटर के द्वारा किया गया प्रिंट ज्यादा समय के लिए पेपर पर नहीं रहता अर्थात कुछ समय बाद प्रिंट की गई जानकारी पेपर से मिट जाती हैं। सामान्यतः इन प्रिंटरो का प्रयोग ATM मशीन, POS मशीन में बिलिंग के लिए किया जाता है।
इंक जेट प्रिंटर (InkJet Printer) एक नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर है जिसमें एक नोजल (Nozzle ) से कागज पर स्याही की बूंदो की बौछार करके कैरेक्टर व ग्राफिक्स प्रिंट किये जाते है इस प्रिंटर का आउटपुट बहुत स्पष्ट होता है क्योंकि इसमें अक्षर का निर्माण कई डॉट्स से मिलकर होता है। रंगीन इंकजेट प्रिंटर में चार कलर की इंक ( C-Cyan , M-Magneta , Y-Yellow, K-blacK) का प्रयोग होता है इसलिए इसको CMYK प्रिंटर भी कहा जाता हैं तथा ये चारो रंग मिलकर किसी भी रंग को प्रिंट कर सकते हैं। । इस प्रिंटर में एक मुख्य समस्या है कि इसके प्रिंट हैड में इंक क्लौगिंग (Ink Clogging) हो जाती है यदि इससे कुछ समय तक प्रिंटिंग ना कि जाये तो इसके नोजल पर इंक जम जाती है। जिससे इसके छिद्र बंद हो जाते है। इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी 300 से 2400 DPI (Dot Per Inch) होती है।
पोर्टेबल प्रिंटर छोटे कम वजन वाले इंकजेट या थर्मल प्रिंटर होते है जो लैपटॉप कंप्यूटर द्वारा यात्रा के दौरान प्रिंट निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं| ये प्रिंटर इस्तेमाल करने में आसान होते है मगर कापैक्ट डिज़ाइन की वजह से सामान्य इंकजेट प्रिंटर तुलना में महंगे होते है। इनकी प्रिंटिंग की गति भी सामान्य प्रिंटर से कम होती है| कुछ प्रिंटर डिजिटल कैमरे से तत्काल फोटो निकालने के लिए इस्तेमाल किये जाते है इसलिए इन्हें पोर्टेबल फोटो प्रिंटर भी कहा जाता है।
मल्टीफंक्शनल / ऑल इन वन प्रिंटर ऐसा प्रिंटर है जिसके द्वारा हम किसी डॉक्यूमेंट को स्कैन कर सकते हैं, फोटोकॉपी कर सकते हैं, प्रिंट कर सकते हैं तथा फैक्स भी कर सकते हैं। मल्टीफंक्शनल / ऑल इन वन प्रिंटर को मल्टीफंक्शनल डिवाइस (Multi Function Device) भी कहा जाता है यह एक ऐसी मशीन है जिसके द्वारा कई मशीनों के कार्य जैसे प्रिंट, स्कैन, फोटो कॉपी तथा फैक्स किये जा सकते हैं| मल्टीफंक्शन प्रिंटर होम ऑफिस (Home Offices) में बहुत लोकप्रिय हैं| ये इंकजेट या लेजर दोनों प्रकार के होते हैं| इन प्रिंटर में नेटवर्किंग एवं वायरलेस प्रिंटिंग (WiFi) की सुविधा भी उपलब्ध होती है।
प्लॉटर (Plotter) एक आउटपुट डिवाइस हैं इससे चित्र (Drawing), चार्ट (Chart), ग्राफ (Graph) आदि को प्रिंट किया जा सकता है| इसके द्वारा लार्ज साइज़ प्रिंट जैसे कि बिल्डिंग लेआउट, ड्राइंग, GIS मैप्स आदि को प्रिंट किया जा सकता है| प्लॉटर प्रिंटर की तरह ही कार्य करता है जिसका उपयोग वेक्टर ग्राफिक्स को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।
साउंड कार्ड (SoundCard) एक एक्सपेंशन कार्ड होता है जिसका प्रयोग साउंड को सम्पादित (Transacted) करने तथा आउटपुट देने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर में गाने सुनने फिल्म देखने या गेम खेलने के लिए इसका प्रयोग किया होता है। साउंड कार्ड तथा स्पीकर एक दूसरे के पूरक होते हैं, साउंड कार्ड की सहायता से ही स्पीकर ध्वनि उत्पन्न करता हैं प्राय: सभी साउंड कार्ड MIDI (Musical Instrument Digital Interface) को सपोर्ट करते हैं।
स्पीकर (Speaker) कंप्यूटर सिस्टम के साथ उपयोग किए जाने वाले सबसे आम आउटपुट डिवाइसों में से एक हैं। स्पीकर विद्युत चुम्बकीय तरंगों को ध्वनि तरंगों में परिवर्तित करते हैं। स्पीकर कंप्यूटर या ऑडियो रिसीवर जैसे डिवाइस से ऑडियो इनपुट प्राप्त करते हैं। यह इनपुट या तो एनालॉग या डिजिटल रूप में हो सकता है। || Theory ||
Practicals || Video Tutorials || Online Test Seris ||
आउटपुट डिवाइस के प्रकार | Types of Output Device
⇨ मॉनिटर (Monitor)
⇨ प्रिंटर (Printer)
⇨ प्रोजेक्टर (Projector)
⇨ प्लॉटर (Plotter)
⇨ साउंड कार्ड (Sound Card) / स्पीकर (Speaker)
मॉनीटर (Monitor)
मॉनीटर के प्रकार | Various Types of Monitor
⇒ CRT (Cathode Ray Tube)
⇒ LCD (Liquid Crystal Display)
⇒ TFT (Thin Film Transistor)
⇒ LED ( Light Emitting Diode)
CRT मॉनिटर
LCD (Liquid Crystal Display) मॉनिटर
TFT (Thin Film Transistor) मॉनिटर
LED (Light Emitting Diode) मॉनिटर
एलईडी डिस्प्ले का सबसे बड़ा लाभ इसकी कुशल और कम ऊर्जा की खपत है। एक एलईडी डिस्प्ले में कई एलईडी पैनल होते हैं, जो कई एल ई डी (LED) से मिलकर बने होते हैं।
मॉनीटर की विशेषताऐं | Characterstics of Monitor
रेजोल्यूशन (Resolution):
रिफ्रेश रेट (Refresh Rate)
डॉट पिच (Dot Pitch):
प्रोजेक्टर (Projector)
प्रिंटर (Printer)
इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Impact Printing) एवं नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Non-Impact Printing)
इम्पैक्ट प्रिंटर ऐसे प्रिंटर होते हैं जो प्रिंटिंग करते समय पेपर पर अपना Impact (प्रभाव) छोड़ते हैं जैसे टाइपराइटर। प्रिंटिंग (Printing) की यह विधि टाइपराइटर (Typewriter) की विधि के समान होती है जिसमें एक प्रिंट हैड (Print Head) होता है जो रिबन (Ribbon) से होता हुआ कागज से टकराता है। इम्पैक्ट प्रिंटिंग में अक्षर या कैरेक्टर्स डॉट मेट्रिक्स (Dot Matrix) विधि से कागज पर उभरते हैं Impact Printer के अनेक प्रकार हैं। जैसे:-
↝ डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer),
↝ डेज़ी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer),
↝ लाइन प्रिंटर (Line Printer),
↝ चैन प्रिंटर (Chain Printer) एवं
↝ ड्रम प्रिंटर (Drum Printer)
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot Matrix Printer)
डेजी व्हील प्रिंटर (Daisy Wheel Printer)
लाइन प्रिंटर (Line Printer)
ड्रम प्रिंटर (Drum Printer)
चेन प्रिंटर (Chain Printer)
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग (Non-Impact Printing)
⬥ लेज़र प्रिंटर (Laser Printer)
⬥ इंकजेट प्रिंटर (Inkjet Printer)
⬥ पोर्टेबल प्रिंटर (Portable Printer)
⬥ मल्टी फंक्शन प्रिंटर (Multifunctional Printer)
⬥ थर्मल प्रिंटर (Thermal Printer)
लेजर प्रिंटर (Laser printer)
थर्मल ट्रांसफर प्रिंटर (Thermal Transfer Printer)
इंक जेट प्रिंटर (Inkjet Printer)
पोर्टेबल प्रिंटर (Portable Printer)
मल्टीफंक्शनल/ऑल इन वन प्रिंटर (Multifunctional / All in one Printer)
प्लॉटर (Plotter)
यह किसी भवन के आर्किटेक्चर प्लान, ऑटो केड सॉफ्टवेयर से बनाए गए मैकेनिकल डिजाईन एवं इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त है। प्लाटर्स के द्वारा बड़ी शीट पर उच्च-गुणवत्ता वाले आउटपुट को प्रिंट किया जा सकता है। यह विभिन्न आकारों के ग्राफिक्स को प्रिंट कर सकता है साथ ही इसकी प्रिंटिंग स्पीड अधिक होती है।
साउंड कार्ड (Sound Card) एवं स्पीकर (Speaker)
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