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कंप्यूटर का इतिहास एवं विकासक्रम

Computer Fundamentals | History of Computers

History & Development of Computers
कंप्यूटर का इतिहास एवं विकासक्रम

History of Computers

कंप्यूटर का प्रारम्भिक विकासक्रम | Early Development of Computers


कंप्यूटर शब्द की उत्पति अंग्रेज़ी भाषा के कम्प्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ है गणना करना अतः कम्प्यूटर का विकास गणितीय गणनाओं के उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया है। सबसे पहले कंप्यूटर का आविष्कार 600 ईसा पहले अबेकस का विकास मेसोपुटामिया में हुआ, इसी प्रकार Calculator का आविष्कार 17वीं शताब्दी के शुरुआत में नेपियर ने किया था जिसका उपयोग गणितीय गणनाओं हेतु किया गया था।

चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले Digital Computer बनाया इसलिए उन्हें कंप्यूटर का पितामह (Father of Computer) कहा जाता है। पास्कलाइन ने इससे प्रेरणा लेकर डिफरेंशियल और एनालिटीकल इंजन का अविष्कार किया, उन्होंने 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की जिसमे कृत्रिम स्मृति (Memory) तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो। 1942 में ब्लेज पास्कल ने यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलाइन कहा गया।

एबेकस - दुनिया का पहला कैलकुलेटर | Abacus - World's First Calculator


Computer का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना माना जाता है, जब चीन में अंको की गणना के लिए Abacus का अविष्कार हुआ था। यह एक मैकेनिकल उपकरण है जो आज भी चीन, जापान सहित एशिया के अनेक देशो में काम आता है। Abacus तारों का एक फ्रेम होता हैं, इन तारो में बीड (पकी हुई मिट्टी के गोले) पिरोये रहते हैं।

Computer Histroy Abacus
Abacus - World's First Calculator

प्रारंभ में Abacus को व्यापारी कैलकुलेशन करने के काम में प्रयोग किया करते थे। यह Machine अंको को जोड़ने, घटाने, गुणा करने तथा भाग देने के काम आती हैं। शताब्दियों के बाद अनेक अन्य यांत्रिक मशीने अंकों की गणना के लिए विकसित की गई।

ब्लेज पास्कल - पास्कलाइन कैलकुलेटर | Blaise Pascal's - Pascaline Calculator


17 वी शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र (Mechanical Calculator) सन् 1645 में विकसित किया। इस मशीन को एडिंग मशीन (Adding Machine) कहते थे, क्योकि यह केवल जोड़ या घटाव कर सकती थी। यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धान्त पर कार्य करती थी। उसमें कई दाँतेयुक्त चकरियाँ (toothed wheels) लगी होती थी जो घूमती रहती थी, चक्रियों के दाँतो पर 0 से 9 तक के अंक छपे रहते थे।

Computer Histroy Abacus
Blaise Pascal's - Pascaline Calculator

प्रत्येक चक्री का एक स्थानीय मान होता था जैसे – इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि इसमें एक चक्री के घूमने के बाद दूसरी चक्री घूमती थी ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) की इस Adding Machine को पास्कलाइन (Pascaline) भी कहा जाता हैं।

जोसेफ जेकार्ड का जेकार्ड लूम | Joseph Jacquard’s - Jacquard Loom


1801 में फ्रांसीसी बुनकर (Weaver) जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard) ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम (Loom) का अबिष्कार किया जो कपड़ो में डिजाईन (Design) या पैटर्न (Pattern) को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्डो से नियंत्रित करता था। इस लूम की विशेषता यह थी कि यह कपडे के Pattern को Cardboard के छिद्र युक्त पंचकार्ड से नियंत्रित करता था, पंचकार्ड पर छिद्र (Hole) की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था।

Jacquard Loom
Joseph Jacquard’s - Jacquard Loom

जेकार्ड के लूम ने दो विचारधाराएं दी जो आगे कंप्यूटर के विकास में उपयोगी सिद्ध हुई - पहली यह थी कि सूचनाओं को पंच कार्ड पर कोडिंग किया गया तथा दूसरी यह थी कि पंच कार्ड पर संग्रहित सूचना निर्देशों का समूह है जिससे पंच कार्ड को जब भी काम में लिया जाएगा तो निर्देशों का यह समूह एक प्रोग्राम (Program) के रूप में कार्य करेगा

चार्ल्स बैबेज - डिफ़रेंस एवं एनालिटिकल इंजन | Charles Babbage - Difference Engine & Analytical Engine


कप्यूटर के इतिहास में 19वी शताब्दी को प्रारम्भिक समय का स्वर्णिम युग माना जाता है। अंग्रेज गणितज्ञ चार्ल्स बेबेज ने एक यांत्रिक गणना मशीन (Mechanical Calculation Machine) विकसित करने की आवश्यकता तब महसूस की जब गणना के लिए बनी हुई सारणियों (Tables) में गलतियाँ (Error) आती थी चूँकि यह Tables हस्त निर्मित (Hand-set) थी इसलिए इसमें गलतियाँ (Error) आ जाती थी। चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक मशीन का निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने वहन किया।

Computer Histroy in HIndi Difference Engine
Charles Babbage - Difference Engine

इस मशीन का नाम डिफरेंस इंजिन (Difference Engine) रखा गया। इस मशीन में गियर और शाफ्ट लगे थे।

चार्ल्स बैबेज का कम्प्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा हैं। सन् 1833 में चार्ल्स बैबेज ने Difference Engine का विकसित रूप Analytical Engine तैयार किया जो बहुत ही शक्तिशाली मशीन थी। आज के कंप्यूटर के कार्य सिद्धांत इसी "एनालिटिकल इंजन" नामक मशीन पर आधारित हैं जो सीमित तकनीकों का उपयोग करके तालिकाओं (Tables) की गणना और प्रिंट कर सकती है।

Computer Histroy in HIndi एनालिटिकल इंजन
Charles Babbage - Analytical Engine

एनालिटिकल इंजन के चार भाग थे। मिल (Mill) जो कि सीपीयू की तरह का एक सेक्शन था जो गणना करता था. स्टोर (मेमोरी) जहाँ पर जानकारी दर्ज की जाती थी. रीडर पंच कार्ड (Punch Card) जो कि डेटा को दर्ज करने एवं प्रिंट करने के काम आता था।
बैवेज का एनालिटिकल इंजिन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बैवेज को कमप्यूटर विज्ञान का जनक (फादर ऑफ कम्प्यूटर) कहा जाता है।

आई बी एम का मार्क-1 | IBM's Mark - 1


सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (Electrometrical Computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी। IBM के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आइकेन ने सन् 1944 में एक मशीन मार्क-1 विकसित की, यह विश्व का सबसे पहला “विद्धुत यांत्रिक कंप्यूटर” (Electro-Mechanical Computer) था और इसका ऑफिशियल नाम – Automatic Sequence Controlled Calculator रखा गया।

Computer Histroy in HIndi मार्क-1
IBM's Mark - 1

हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आईबीएम का आटोमेटिक सीक्वेंस कंट्रोल्ड कैलकुलेटर (ASCC-Automatic Sequence Controlled Calculator) जिसे मार्क-1 कहा जाता है, एक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंप्यूटर था।
मार्क-1 अरिथमेटिक और लॉजिकल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक करने वाली पहली मशीन है। आईबीएम द्वारा निर्मित और 1944 में हार्वर्ड में स्थापित, मार्क I में इनपुट के लिए पेपर टेप और आउटपुट के लिए टाइपराइटर का इस्तेमाल किया गया था।

एटनासॉफ बेरी कम्प्यूटर (A.B.C.) | Atanasoff Berry Computer (A.B.C.)


सन् 1945 में एटानासोफ़ (Atanasoff) तथा क्लोफोर्ड बेरी (Clifford Berry) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन का विकास किया जिसका नाम ए.बी.सी.(ABC) रखा गया। ABC शब्द Atanasoff Berry Computer का संक्षिप्त रूप हैं। ABC सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर (Electronic Digital Computer) था।

Atanasoff Berry Computer (A.B.C.)

एबीसी में नियंत्रण और अंकगणितीय गणनाओं के लिए लगभग 300 वैक्यूम ट्यूब, बाइनरी नंबरों का उपयोग, लॉजिकल ऑपरेशन, मेमोरी कैपेसिटर और इनपुट/आउटपुट इकाइयों के रूप में पंच कार्ड शामिल थे।














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